बोलो आदि-वंश के भाई, मुल्की हक बँटवइयों कि ना॥टेक
बीस कोटि सछूत अछूत हि उहदे दिवइयो कि ना।
अत्याचार बेगार आदि केदुख मिटवइयो कि ना॥
तादाद अनुसार बोर्ड कौंसिल में मेम्बर पहुँचइयो कि ना।
जहाँ कानून कौम-हितकारी भी रचवइयो कि ना॥
दीवान दरोगा मुंशी मुहर्रिर मुंसिफ बनवइयो कि ना।
तहसील अदालत फौज पुलिस में भर्ती करइयो कि ना॥
सूबेदार बहादुर गदर में थे तिनके गुन गइयो कि ना।
‘हरिहर’ पुरखों की सनदें सरकार को दिखइयो कि ना॥

By shayar

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