झूमर

सुनी बाँसुरी राबद, हियाँ उठले दरद
रमा। गेलों कुंज गलिया
बीधे तीरे मदन खेअलिया हो राम
गेलों कुंज गलिया
मिले लागी मोहन शमलिया हो राम
गेलों…
गरजे बरसे धन, एकेली डरावे मन
राम! गेलों…
रही-रही छटके बिजुलिया हो राम
गेलों…
फूलले कदम फूल, सौरभें जे मारे शूल
राम! गेलों
नाचे मोरा कुहके कोयलिया हो राम
गेलों…
खोजलों राति सगर, कहूँ ने मिले नागर
राम। गेलों
भवप्रीता चिते बनमलिया हो राम
गेलों…।

By shayar

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