सुंदर आलमारी जामें सीसे की किवारी
देख लीजिए निहारी खूब पान की बहारी है।
अतर ओ सुगन्ध से सुवासित सब पानदान
लवंग सुपारी डारी बीरा तइयारी है।
एक बेर खाके आजमा के देख लीजे आज
कीजे ना लेहाज सकल वस्तु ये तिहारी है।
द्विज महेन्द्र रामचन्द्र सउदा कछु लीजे आज
देसी अवर बंगला पान पास में हमारी है।