सखि हे चहुँ दिसि घेरे बदरिया
हमरी बारी उमिरिया ना।
लवका लवके बिजली चमके
उमिर घुमिर करे शोर बदरिया
सखि हे दूसर रैन अन्हरिया
हमरी बारी उमिरिया ना।
गवना कराई के घरे बइठवलें
पतियो ना हमे निरमोहिया पेठवलें
सखि हे केकरा से भेजीं खबरिया
हमरी बारी उमिरिया ना।
रहितें बलमुआँ त गले लपिटइतीं
रमकि झमकि के रूसतीं मनइतीं
सखि हे हँसि-हँसि गइती कजरिया
हमरी बारी उमिरिया ना।

By shayar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *