घुसखोरी

बड़ी दुख देलके ई घुसखोर बेमनमा
बड़ी दुखकृ
धान चावल मिलै नांही
गेहूँ भेल सपनमा,
एक टकाम खेंसारी मिलै
सेहो दस कनमा
बड़ी दुख…
नहीं मिले धोती-सारी,
सिलिक भेल सपनमा,
चौदह आना गज मिले मोटका मारकिनमा
बड़ी दुख…
भवप्रीता कहै हरि आबै जब शमनमा,
राधा संगे आबी दीहा अन्तें दर्शनमा
बड़ी दुख…

By shayar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *