फ़ित्ना-सामानियों की ख़ू न करे।
मुख़्तसर यह कि आरज़ू न करे॥

पहले हस्ती की है तलाश ज़रूर।
फिर जो गुम हो तो जुस्तजू न करे॥

मावराये-सुख़न भी है कुछ बात।
बात यह है कि गुफ़्तगू न करे॥

By shayar

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