झूमर (कृष्ण जन्म पाला)
छन्द बयार
पताल में छले जते मताल असुर
द्वापरें धरती पेॅ जन्मल क्रूर
राजा बनी करे सब धरम के नाश
वंश बढ़ाय करे पाप कें विकास
पाप भरें बसुमति के जे भेलै क्लेश
गो रूप धरी के जाय जहाँ हृषिकेश
कान्दी धरणी करे विपद प्रकाश
माधव कहला करब दुखक् नाश
लेब जनम हम तोहरा ऊपर
नाश करब सब दनुज पामर।