नीको लागे गंगा तोहरी लहरिया हो।
त्रिभुवन के तुहूँ तारन आई हमरो लऽ ना खबरिया हो।
सेवत सुलभ सुफल सबही के चमकत बालू किनरिया हो।
जो निज गंगा नाम कहतु हैं जइहें ना जम के दुअरिया हो।
द्विज महेन्द्र के आस पुरइहो बसिहो हमरे नगरिया हो।

By shayar

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