धुन-नैना लागी रही हमरी
जगदम्बा पद दर्शन बिनु नैन विकल भई हमरी
नख बिन्दु दस इन्दु विनीन्दित पद भव सिन्धु तरी
अम्ब बिनु अवलम्ब तरब किमी उठत घोर लहरी
हे जननी उठत पाप लहरी
सर्ग कते अपवर्ग प्रदायक चरण कमल धुरी
हर उर राखल तदपि हरण-भय तीन नैन प्रहरी
शिव राखल तीन नैन प्रहरी
बहुत दीन जननी दुर राखी मोही की गेली बिसरी
तड़पत जीवन जीवन बिनु जिमि तड़पे मीन सफरी
मोरी मैया तड़पै मीन सफरी
ताहि रेणु पाई सृष्टि रचल विधि शीश धरे शेषहरी
परम पवित्र जानी शुलपाणी लेपत भषम करी
शिव अंगे लेपल भषम करी
माई तोही हकैवत गल मोर बाझल काहेन लेहु खबरी
की जगम बाँटत कृपा नींगटी गेल कीते भेली बहरी
मोरी मैया की ते भेली बहरी
भवप्रीताधम गिरल अन्ध सम सागर अति गहरी
अधमतारिणी अबहु उबारहु गती नाही दुसरी
चरण बिन गति नाही दुसरी।

By shayar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *