ढूँढने वाला सितारों की गुज़रगाहों का
अपने अफ़कार की दुनिया में सफ़र कर न सका

अपनी हिकमत के ख़मो-पेच में उलझा ऐसे
आज तक फ़ैसला-ए-नफा-ओ-ज़रर कर न सका

जिसने सूरज की शुआओं को गिरफ़्तार किया
ज़िन्दगी की शबे-तारीक सहन कर न सका

By shayar

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