जान अपने लिए खो लेने दे
मुझ को जी खोल के रो लेने दे

मिट गए अब तो सब अरमाँ-ए-दिल
अब तो चैन से सो लेने दे

ना-ख़ुदाई नहीं करना है अगर
मुझ को कश्‍ती ही डुबो लेने दे

फ़िक्र-ए-वीरानी-ए-दिल क्या है अभी
पहले आबाद तो हो लेने दे

By shayar

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