अस्सलाम, अस्सलाम
अस्सलाम ऐ सुर्ख़ जांबज़ान-ए-कय्यूर[1] अस्सलाम ।

हाँ, बढ़ेगा ज़िंदगी का कारवाने तेज़ गाम-[2]
अस्सलाम !
लेंगे हम लेंगे शहीदों के ख़ून का इन्तेकाम-
अस्सलाम !
अहद[3] करते हैं मिटा देंगे ये सूली का निज़ाम-
अस्सलाम !
आले लेनिन आले स्तालिन का ज़िन्दा है नाम-
अस्सलाम !
हाँ, बढ़ेगा ज़िंदगी का कारवाने तेज़ गाम

अस्सलाम, अस्सलाम !
अस्सलाम, ऐ सुर्ख़ जांबाज़ान-ए-कय्यूर, अस्सलाम ।

By shayar

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