जहियासे पिया मोरा छुअलें लिलरवा, राम से ताहीं दिन से ना। छूटल बाबा के भवनावाँ राम से ताही दिन से ना। Post navigation सास के विलोके सिंहिनी सी जमुहाई लेत नित-नित देखीले सपनवाँ हो रघुनाथ कुँवर के।