मुबारक तुझे ओ ज़मीं के मुसाफ़िर
ज़मीं व ज़माँ की हदें तोड़ कर
आसमानों पे जाना
हवाओं से आगे, ख़ुलाओं से आगे
मह व कहकशाँ की फ़िज़ाओं से आगे
मुबारक सितारों की चिलमन हटाना
सरे जुल्फ़े नाहीद को छू के आना
दिले इब्ने आदम की धड़कन सुनाना
मुबारक तुझे ओ ज़मीं के मुसाफ़िर
ज़मीं व ज़माँ की हदें तोड़ कर
आसमानों पे जाना ।

By shayar

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