खु़दा और नाख़ुदा मिलकर डुबो दें यह तो मुमकिन है।
मेरी वजहे-तबाही सिर्फ़ तूफ़ाँ हो नहीं सकता॥
दुआ जाइज़, ख़ुदा बरहक़, मगर माँगूँ तो क्या माँगूँ।
समझता हूँ कि मैं, दुनिया बदामाँ हो नहीं सकता॥
खु़दा और नाख़ुदा मिलकर डुबो दें यह तो मुमकिन है।
मेरी वजहे-तबाही सिर्फ़ तूफ़ाँ हो नहीं सकता॥
दुआ जाइज़, ख़ुदा बरहक़, मगर माँगूँ तो क्या माँगूँ।
समझता हूँ कि मैं, दुनिया बदामाँ हो नहीं सकता॥