ओ दूर जाने वाले वादा न भूल जाना ।
रातें हुई अन्धेरी तुम चान्द बनके आना ।
अपने हुए पराए दुश्मन हुआ ज़माना ।
तुम भी अगर न आए मेरा कहाँ ठिकाना ।
आजा किसी की आँखें रो-रो के कह रही हैं,
ऐसा न हो कि हमको करदे जुदा ज़माना ।
ओ दूर जाने वाले वादा न भूल जाना ।
रातें हुई अन्धेरी तुम चान्द बनके आना ।
अपने हुए पराए दुश्मन हुआ ज़माना ।
तुम भी अगर न आए मेरा कहाँ ठिकाना ।
आजा किसी की आँखें रो-रो के कह रही हैं,
ऐसा न हो कि हमको करदे जुदा ज़माना ।