आजु भलो बनि आयो लाल ॥
अंजन अधर पीक पलकन में, सोहत जावक सुन्दर भाल ।
बिनु गुन माल विराजत हिय में, अलसाने दुहु नैन विशाल ॥
मृगमद लसत भुजा में नीकी, चुम्बन चिन्ह चारु बिच गाल ।
चित ‘सरोज’ लखि छकित भये हैं, तेरी यह मतवाली चाल ॥
आजु भलो बनि आयो लाल ॥
अंजन अधर पीक पलकन में, सोहत जावक सुन्दर भाल ।
बिनु गुन माल विराजत हिय में, अलसाने दुहु नैन विशाल ॥
मृगमद लसत भुजा में नीकी, चुम्बन चिन्ह चारु बिच गाल ।
चित ‘सरोज’ लखि छकित भये हैं, तेरी यह मतवाली चाल ॥