अनका पति के देखि चार गाल बात करे
अपना पती के देख खटिया पर कोहँरी।
चुल्हिया लिपावन लागे हँड़िया धोवावन लागे
पनिया भरावन लागे छुए देना देह री।
पूरी ओ मिठाई देत आपना मिलनुवाँ के
आपना पती के देत सतुआ ओ फरूही।
कहत महेन्द्र इहे लच्छन करकसा के
करमे फुटेला जेकरा मिले अइसन मेहरी।

By shayar

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