तुम हो कि एक तर्ज़े-सितम पर नहीं क़रार।
हम हैं कि पायेबन्द हरेक इम्तहाँ के हैं॥
हों सर्फ़ तीलियों में क़फ़स के तो ख़ौफ़ है।
तिनके जो मेरे उजड़े हुए आशियाँ के हैं॥
तुम हो कि एक तर्ज़े-सितम पर नहीं क़रार।
हम हैं कि पायेबन्द हरेक इम्तहाँ के हैं॥
हों सर्फ़ तीलियों में क़फ़स के तो ख़ौफ़ है।
तिनके जो मेरे उजड़े हुए आशियाँ के हैं॥