तारिहों न राम जो पे राम की अदालत में
भक्तिन वकील राखी बहस करवाऊँगा।
देवोगे साबूत जदी पातकी महान तो
लाखहूँ पापीन को नजीर मैं देखाऊँगा।
अवध बिहारी अइहें ना साबूत काम एको,
मजा दीनबंधुता के सारी भुलवाऊँगा।
कुर्की इजराय होइ कहत हौं पुकार करी
कोष करूण का तेरो जब्त करवाऊँगा।