जला है जीवन यह
आतप में दीर्घकाल;
सूखी भूमि, सूखे तरु,
सूखे सिक्त आलबाल;
बन्द हुआ गुंज, धूलि–
धूसर हो गये कुंज,
किन्तु पड़ी व्योम उर
बन्धु, नील-मेघ-माल।
जला है जीवन यह
आतप में दीर्घकाल;
सूखी भूमि, सूखे तरु,
सूखे सिक्त आलबाल;
बन्द हुआ गुंज, धूलि–
धूसर हो गये कुंज,
किन्तु पड़ी व्योम उर
बन्धु, नील-मेघ-माल।