क्रान्तिकारी मैं जवानी भर न हो पाया, सिर्फ इस भय से, कहीं मैं भी बुढ़ापे में क्रान्ति में फँसकर न दकियानूस हो जाऊँ। Post navigation राजनीति मुक्त देश