ठंडे पानी से नहलातीं,

ठंडा चंदन इन्हें लगातीं,

इनका भोग हमें दे जातीं,

फिर भी कभी नहीं बोले हैं।

माँ के ठाकुर जी भोले हैं।

By shayar

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