कभी दुआ तो कभी बद्-दुआ से लड़ते हुए
कभी दुआ तो कभी बद्-दुआ से लड़ते हुए तमाम उम्र गुज़ारी हवा से लड़ते हुए…
Read Moreकभी दुआ तो कभी बद्-दुआ से लड़ते हुए तमाम उम्र गुज़ारी हवा से लड़ते हुए…
Read Moreबे-क़नाअत काफ़िले हिर्स ओ हवा ओढ़े हुए मंज़िलें भी क्यूँ न हों फिर फ़ासला ओढ़े…
Read Moreबढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए मेरी हरीफ़ तुम्हारी दुआ से कम…
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