फ़रियाद
फ़रियाद कोई किसी को बताता नहीं कि क्या खोया किसी को याद नहीं है कि…
Read Moreवो शबे मय वो शबे महताब, मेरी ही न थी वो तो सबका ख़्वाब था…
Read Moreअभी न रात के गेसू खुले न दिल महका कहो नसीमे सहर से, ठहर-ठहर के…
Read Moreमुहब्बत को तुम लाख फेंक आओ गहरे कुएँ में मगर एक आवाज़ पीछा करेगी कभी…
Read Moreख़्वाहिशें लाल, पीली, हरी, चादरें ओढ़ कर थरथराती, थिरकती हुई जाग उठीं जाग उठी दिल…
Read Moreराह में सर्व मिले राह में शमशाद मिले सब गिरफ़्तार-ए-चमन शामे गुलमर्ग मिली सुभ पहलगाम…
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