कौन
ढुलकते आँसू सा सुकुमार बिखरते सपनों सा अज्ञात, चुरा कर अरुणा का सिन्दूर मुस्कराया जब…
Read Moreनिश्वासों का नीड़, निशा का बन जाता जब शयनागार, लुट जाते अभिराम छिन्न मुक्तावलियों के…
Read Moreइक चमेली के मंडवे तले मयकदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर दो बदन प्यार…
Read Moreजाने वाले सिपाही से पूछो वो कहाँ जा रहा है कौन दुखिया है जो गा…
Read Moreये जंग है जंगे आज़ादी आज़ादी के परचम के तले । हम हिन्द के रहने…
Read Moreदर्द की रात है चुपचाप गुज़र जाने दो दर्द को मरहम न बनाओ दिल को…
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