मुतमइन अपने यक़ीन पर अगर इंसाँ हो जाए
मुतमइन अपने यक़ीन पर अगर इंसाँ हो जाए सौ हिजाबों में जो पिंहाँ है नुमायाँ…
Read Moreमुतमइन अपने यक़ीन पर अगर इंसाँ हो जाए सौ हिजाबों में जो पिंहाँ है नुमायाँ…
Read Moreज़िन्दगी में क्या मुझे मिलती बलाओं से नजात। जो दुआएँ कीं, वो सब तेरी निगहबाँ…
Read Moreसैंकड़ों नाले करूँ लेकिन नतीजा भी तो हो। याद दिलवाऊँ किसे जब कोई भूला भी…
Read Moreमेरी दास्ताने-ग़म को, वो ग़लत समझ रहे हैं। कुछ उन्हीं की बात बनती अगर एतबार…
Read Moreनाज़ो-अदा की चोटें, सहना तो और शै है। ज़ख़्मों को देख लेता कोई, तो देखता…
Read Moreमहशर में कोई पूछनेवाला तो मिल गया। रहमत बड़ी है मुझ को गुनहगार देखकर॥ उन…
Read Moreआये हो वक़्ते-दफ़्न तो शाना हिला के जाओ। आँख उसकी लग गई है, जिसे इन्तेज़ार…
Read Moreमेरी ज़बान उनके दहन में हो ऐ करीम! होना है फ़ैसला जो उन्हीं के बयान…
Read Moreक़ैद करता मुझको लेकिन जब गुज़र जाती बहार। क्या बिगड़ जाता ज़रा-सी देर में सैयाद…
Read Moreज़ोम न कीजो शम्अ-रू बज़्म के सोज़-ओ-सज़ा पर रखियो नज़र बाज-ए-नाज़-ख़ातिर-ए-पीर-ए-नाज़ पर ज़ेब नहीं है…
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