सुर्ता-पद-निर्वाण (1)
सुर्ता तन मन धन कुर्बान, है निर्वाण-पद में विचरी। जागा आतम-अनुभव ज्ञान, परख सतगुरु से…
Read Moreसुर्ता तन मन धन कुर्बान, है निर्वाण-पद में विचरी। जागा आतम-अनुभव ज्ञान, परख सतगुरु से…
Read Moreलखोजी संतों, आतम पद निर्बानी। आतम-तत्व परख पारख कर जीवन-मुक्ति निशानी॥ षट् विकार का कारण…
Read Moreहम भी कभी थे अफजल, प्राचीन हिन्द वाले। अब हैं गुलाम निर्बल, प्राचीन हिन्द वाले॥…
Read Moreहरेक नेशन उठी है यों ही ज़रा तो इतिहास, पढ़ के देखो। न मानो गर…
Read Moreचाहो उठना अगर तो उठो हो निडर, समझो धड़ पर हमारे है सर ही नहीं।…
Read Moreजागो जी जागो, असली नाम डुबाने वाले। टेक। वंश डुबाने वाले, राज गँवाने वाले, बन…
Read Moreजय आदि ब्रह्म अवतारा ‘छूत’ और छल-माया से न्यारा। जागे आदिम वंश हमारा, “छूत-विवर्जित” अछूत…
Read Moreआये थे अब आर्य हिन्द में, तिब्बत का स्थान, रहती यहाँ सदा से थी इक…
Read Moreपुरखे हमारे थे बादशाह, तुम्हें याद हों कि न याद हो। अब हिन्द में हम…
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