नैरंगियाँ चमन की तिलिस्मे-फ़रेब हैं।
नैरंगियाँ चमन की तिलिस्मे-फ़रेब हैं। उस जा भटक रहा हूँ जहाँ आशियाँ न था॥ पाबंदियों…
Read Moreनैरंगियाँ चमन की तिलिस्मे-फ़रेब हैं। उस जा भटक रहा हूँ जहाँ आशियाँ न था॥ पाबंदियों…
Read Moreरहते न तुम अलग-थलग हम न गुज़रते आप से। चुपके से कहनेवाली बात कहनी पड़ी…
Read Moreआ गई मंज़िले-मुराद, बाँगेदरा को भूल जा। ज़ाते-खु़दा में यूँ हो महव, नामे-ख़ुदा को भूल…
Read Moreइक जाम-ए-बोसीदा हस्ती और रूह अज़ल से सौदाई। यह तंग लिबास न यूँ चढ़ता ख़ुद…
Read Moreमुझे रहने को वो मिला है घर कि जो आफ़तों की है रहगुज़र। तुम्हें ख़ाकसारों…
Read Moreअब मुझ को फ़ायदा हो दवा-ओ-दुआ से क्या? वो मुँह पे कह गए–“यह मर्ज़ लाइलाज…
Read Moreक़फ़स से ठोकरें खाती नज़र जिस नख़्ल तक पहुँची। उसी पर लेके इक तिनका बिनाए-आशियाँ…
Read Moreतुम हो कि एक तर्ज़े-सितम पर नहीं क़रार। हम हैं कि पायेबन्द हरेक इम्तहाँ के…
Read Moreखुद चले आओ या बुला भेजो। रात अकेले बसर नहीं होती॥ हम ख़ुदाई में हो…
Read Moreजो मेरी सरगुज़िश्त सुनते हैं। सर को दो-दो पहर यह धुनते हैं॥ कै़द में माजरा-ए-तनहाई।…
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