क्या पूजन क्या अर्चन रे!
क्या पूजन क्या अर्चन रे! उस असीम का सुंदर मंदिर मेरा लघुतम जीवन रे! मेरी…
Read Moreक्या पूजन क्या अर्चन रे! उस असीम का सुंदर मंदिर मेरा लघुतम जीवन रे! मेरी…
Read Moreक्या जलने की रीति शलभ समझा दीपक जाना घेरे हैं बंदी दीपक को ज्वाला की…
Read Moreक्या जलने की रीति शलभ समझा दीपक जाना घेरे हैं बंदी दीपक को ज्वाला की…
Read Moreशलभ मैं शपमय वर हूँ! किसी का दीप निष्ठुर हूँ! ताज है जलती शिखा; चिनगारियाँ…
Read Moreशलभ मैं शपमय वर हूँ! किसी का दीप निष्ठुर हूँ! ताज है जलती शिखा; चिनगारियाँ…
Read Moreअलि अब सपने की बात- हो गया है वह मधु का प्रात! जब मुरली का…
Read Moreअलि अब सपने की बात- हो गया है वह मधु का प्रात! जब मुरली का…
Read Moreसजनि कौन तम में परिचित सा, सुधि सा, छाया सा, आता? सूने में सस्मित चितवन…
Read Moreसजनि कौन तम में परिचित सा, सुधि सा, छाया सा, आता? सूने में सस्मित चितवन…
Read Moreक्यों इन तारों को उलझाते? अनजाने ही प्राणों में क्यों आ आ कर फिर जाते?…
Read More