फूल
मधुरिमा के, मधु के अवतार सुधा से, सुषमा से, छविमान, आंसुओं में सहमे अभिराम तारकों…
Read Moreदीपक अब रजनी जाती रे जिनके पाषाणी शापों के तूने जल जल बंध गलाए रंगों…
Read Moreदीपक अब रजनी जाती रे जिनके पाषाणी शापों के तूने जल जल बंध गलाए रंगों…
Read Moreउर तिमिरमय घर तिमिरमय चल सजनि दीपक बार ले! राह में रो रो गये हैं…
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Read Moreक्या पूजन क्या अर्चन रे! उस असीम का सुंदर मंदिर मेरा लघुतम जीवन रे! मेरी…
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