दिल बिक चुका है जब से किसी दिलरुबा के साथ
दिल बिक चुका है जब से किसी दिलरुबा के साथ उठने लगे हैं प्यार से…
Read Moreदिल बिक चुका है जब से किसी दिलरुबा के साथ उठने लगे हैं प्यार से…
Read Moreहक़ीक़त में हसीं कोई नहीं है मिरा ज़ौके-नज़र ख़ुद ही हसीं है किसी का आस्तां…
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Read Moreदेखिये अब उज़्र क्या हो बख्शिशे-दीदार पर काट कर सर रख दिया है आस्ताने-यार पर…
Read Moreदेखिये अब उज़्र क्या हो बख्शिशे-दीदार पर काट कर सर रख दिया है आस्ताने-यार पर…
Read Moreज़बां खुली न कभी शरहे-दास्तां के लिए खामोशियों ही मिरी कम नहीं बयां के लिए…
Read Moreज़बां खुली न कभी शरहे-दास्तां के लिए खामोशियों ही मिरी कम नहीं बयां के लिए…
Read Moreबज़्मे-जहां में कोई बशर मुतमइन नहीं दिल हो किसी का या हो नज़र मुतमइन नहीं…
Read Moreबज़्मे-जहां में कोई बशर मुतमइन नहीं दिल हो किसी का या हो नज़र मुतमइन नहीं…
Read Moreसर दरे-यार पे रख कर न उठाया हम ने बन्दगी में भी इक ऐजाज़ दिखाया…
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