मेरा मन
कभी यहाँ है, कभी वहां है, इसकी पकड़े कौन नकेल। तेज रेलगाड़ी बन जाती, चाल…
Read Moreमेरी माता बड़ी निराली। मुझको देख बजाती ताली।। आँगन में दौड़ाती मुझको। हंसती और हंसाती…
Read Moreमेरी माता बड़ी निराली। मुझको देख बजाती ताली।। आँगन में दौड़ाती मुझको। हंसती और हंसाती…
Read Moreसूरज अपनी चमक छोड़ दे, तो कैसे हो दूर अँधेरा? धरती पर सब पेड़ पड़…
Read Moreसूरज अपनी चमक छोड़ दे, तो कैसे हो दूर अँधेरा? धरती पर सब पेड़ पड़…
Read Moreसूरज कहता नहीं किसी से, मैं प्रकाश फैलाता हूँ। बादल कहता नहीं किसी से, मैं…
Read Moreसूरज कहता नहीं किसी से, मैं प्रकाश फैलाता हूँ। बादल कहता नहीं किसी से, मैं…
Read More