इज़्ज़त से बज़्मे-गुल में रहा आशियाँ मेरा।
इज़्ज़त से बज़्मे-गुल में रहा आशियाँ मेरा। तिनकों की क्या बिसात मगर नाम हो गया॥…
Read Moreइज़्ज़त से बज़्मे-गुल में रहा आशियाँ मेरा। तिनकों की क्या बिसात मगर नाम हो गया॥…
Read Moreज़मानेवालों को पहचानने दिया न कभी। बदल-बदल के लिबास अपने इनक़लाब आया॥ सिवाय यास न…
Read Moreमैं नहीं, लेकिन मेरा अफ़साना उनके दिल में है। जानता हूँ मैं कि किस रग…
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