दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया
दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया सागर ने क़तरे क़तरों ने सागर बिना…
Read Moreदावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया सागर ने क़तरे क़तरों ने सागर बिना…
Read Moreफ़रिश्ते भी पहुँच सकते नहीं वो है मकाँ अपना ठिकाना ढूँडे दौर-ए-ज़मीं-ओ-आसमाँ अपना ख़ुदा जब्बार…
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