उस पर एक किताब लिखू
दिल बहुत चाहता के उस पर एक किताब लिखू रुमाल या मफलर पर कढाई से…
Read Moreदिल बहुत चाहता के उस पर एक किताब लिखू रुमाल या मफलर पर कढाई से…
Read Moreमुझे लगता है के उसके बिना जी नही पयूंगी अब भी जब जब वो याद…
Read Moreमेरी फितरत नही थी के उसे सजा देती वार्ना यकीन मानो उसकी हस्ती मिटा देती…
Read Moreबहुत दर्द में हु तुम आओ तो थोड़ा मरहम लेते आना दीवानी सी हुए फिरती…
Read Moreमेरी मोहब्बत हवाओ के जैसी है नजर न भी आये तो भी उनके इर्द गिर्द…
Read Moreमैं सजी संवरी रहूँगी यू ही दहलीज मैं बैठी रहूँगी उन्होंने वादा किया है आने…
Read Moreएक अजीब मुकाम पे ले आये है जिंदगी की गर्दिशे के अहसास ही नही होता…
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