जनाज़ा धूम से उस आशिक़
जनाज़ा धूम से उस आशिक़-ए-जाँ-बाज़ का निकले तमाशे को अजब क्या वो बुत-ए-दम-बाज़ आ निकले…
Read Moreजनाज़ा धूम से उस आशिक़-ए-जाँ-बाज़ का निकले तमाशे को अजब क्या वो बुत-ए-दम-बाज़ आ निकले…
Read Moreदेता है मुझ को चर्ख़-ए-कुहन बार बार दाग़ उफ़ एक मेरा सीना है उस पर…
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