चांद एक दिन
हठ कर बैठा चान्द एक दिन, माता से यह बोला, सिलवा दो माँ मुझे ऊन…
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Read Moreमैं पर्वतारोही हूँ। शिखर अभी दूर है। और मेरी साँस फूलनें लगी है। मुड़ कर…
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