चुम्बन
सब तुमने कह दिया, मगर, यह चुम्बन क्या है? “प्यार तुम्हें करता हूँ मैं”, इसमें…
Read Moreऊपर सुनील अम्बर, नीचे सागर अथाह, है स्नेह और कविता, दोनों की एक राह। ऊपर…
Read Moreऊपर सुनील अम्बर, नीचे सागर अथाह, है स्नेह और कविता, दोनों की एक राह। ऊपर…
Read Moreअम्बर के गृह गान रे, घन-पाहुन आये। इन्द्रधनुष मेचक-रुचि-हारी, पीत वर्ण दामिनि-द्युति न्यारी, प्रिय की…
Read Moreअम्बर के गृह गान रे, घन-पाहुन आये। इन्द्रधनुष मेचक-रुचि-हारी, पीत वर्ण दामिनि-द्युति न्यारी, प्रिय की…
Read Moreलिख रहे गीत इस अंधकार में भी तुम रवि से काले बरछे जब बरस रहे…
Read Moreलिख रहे गीत इस अंधकार में भी तुम रवि से काले बरछे जब बरस रहे…
Read More