संन्यासी और गृहस्थ
तेरा वास गगन-मंडल पर, मेरा वास भुवन में, तू विरक्त, मैं निरत विश्व में, तू…
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Read Moreसिंह की हुंकार है हुंकार निर्भय वीर नर की। सिंह जब वन में गरजता है,…
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