प्रसिद्धि
(१) मरणोपरान्त जीने की है यदि चाह तुझे, तो सुन, बतलाता हूँ मैं सीधी राह…
Read Moreज्वर में सिर पर बर्फ रखा करते हैं, यही बहुत कुछ समझौते की शान्ति है।…
Read Moreवे रचते कानून कि सबके उज्जवल रहें सदा आचार, हम आचरण शुद्ध रखकर विश्राम नियम…
Read Moreज्वर में सिर पर बर्फ रखा करते हैं, यही बहुत कुछ समझौते की शान्ति है।…
Read Moreकुछ कहते हैं, विश्व एक दिन जल जाएगा, कुछ कहते हैं, विश्व एक दिन गल…
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Read Moreयुग मरे, सदियाँ गईं मर, किन्तु, ओ बीते हुए कल! क्या हुआ तुमको कि तुम…
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