महफ़िल में इधर और उधर देख रहे हैं
महफ़िल में इधर और उधर देख रहे हैं हम देखने वालों की नज़र देख रहे…
Read Moreमहफ़िल में इधर और उधर देख रहे हैं हम देखने वालों की नज़र देख रहे…
Read Moreनाला-ए-दिल रसा नहीं होता राम वो दिलरुबा नहीं होता तू वफ़ा-आश्ना नहीं होता वरना दुनिया…
Read Moreक्या कहें वादों पे यक़ीं हम क्यूँ लाते जाते हैं धोका खाना पड़ता है धोका…
Read Moreयूँ सइ-ए-हसूल-ए-मुद्दआ कर आराम को ख़ुद पे ना-रवा कर खाहां है जिस इंकिलाब का तू…
Read Moreग़म से उनके भी जिगर दाग़ दाग़ पाए हैं देखने में जो बशर बाग़ बाग़…
Read Moreसह तो पाए जफ़ाएं तुम्हारी ग़ैर औ ले बलाएं तुम्हारी तुम न लो आइने की…
Read Moreलबों लर जाने-ज़ार आती हुई मालूम होती है ये दुनिया अब मुझे जाती हुई मालूम…
Read Moreगो क़यामत से पेशतर न हुई तुम न आए तो क्या सहर न हुई आ…
Read Moreये लाए हैं उस गली में जा कर हम आय हैं खून में नहा कर…
Read Moreमर के ग़म से रहा हो गये हम अपने मुश्किल-कुशा हो गये हम मौत को…
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