बहुत आगाज़ देखे हैं बहुत अंजाम देखे हैं
बहुत आगाज़ देखे हैं बहुत अंजाम देखे हैं बहुत नक़्शे तिरे ऐ गर्दिशे-अय्याम देखै हैं…
Read Moreबहुत आगाज़ देखे हैं बहुत अंजाम देखे हैं बहुत नक़्शे तिरे ऐ गर्दिशे-अय्याम देखै हैं…
Read Moreहम रोबे हुस्ने-यार से तुतला के रह गये शिकवे ज़बां तक आये मगर आ के…
Read Moreनहीं नहीं नहीं अब वो पलट के आने का ज़माने वालों में चर्चा है जिस…
Read Moreहंसते हंसते खफ़ा हो गए हम यक बयक क्या से क्या हो गये हम उम्र…
Read Moreइस से कोई बहस नहीं क्या किया जो भी किया आप ने अच्छा किया तुझ…
Read Moreदिल की तस्कीं का आसरा न हुआ सितम उन का करम-नुमा न हुआ मेरे नालों…
Read Moreमाज़ूर हैं बकते चले जाते हैं अगर हम क्यों कर रहे खमोश कि रखते हैं…
Read Moreदिल न क्यों ले बलाएं तुम्हारी दिलरुबा हैं अदाएं तुम्हारी तुम को दिलशाद रक्खे ज़माना…
Read Moreबात कुछ दिल की तो क्या बन पायेगी हां हमारी जान पर बन जायेगी मौत…
Read Moreरवां नग़मों का इस से ख़ुद ब-ख़ुद सैलाब होता है रबाबे हुरर्यत कब तश्ना-ए-मिजराब होता…
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