ग़मे-इश्क़ आज़ारे-जाँ हो गया
ग़मे-इश्क़ आज़ारे-जाँ हो गया जो होना था आख़िर अयाँ हो गया ज़बां से तो कुछ…
Read Moreग़मे-इश्क़ आज़ारे-जाँ हो गया जो होना था आख़िर अयाँ हो गया ज़बां से तो कुछ…
Read Moreवो कहते हैं यकीं लाना पड़ेगा ये धोखा जान कर खाना पड़ेगा ज़माने को बदलना…
Read Moreकहना ही मिरा क्या है कि मैं कुछ नहीं कहता ये भी तुम्हें धोका है…
Read Moreबजा हो गया हां बजा हो गया महब्बत में जो हो गया हो गया असर…
Read Moreऐ कि हर दिल पर है अज़मत नक़्श तेरे नाम की इब्तिदा करते हैं तेरे…
Read Moreसुब्ह होता है शाम होता है ख़ून-ए-नाहक़ मुदाम होता है फेर लेते हो मुँह हिक़ारत…
Read Moreआखिरी ग़ज़ल साअतों की नहीं बात लम्हों की है जिस्म से रूह पर्वाज़ कर जाएगी…
Read Moreकाम ले फ़िक्र-सुख़न में दिल से भी जिन का दिमाग़ इस ज़माने में हैं ऐसे…
Read Moreऐ फ़रंगी कभी सोचा है ये दिल में तू ने और ये सोच के कुछ…
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