फुटकर शेर / मेला राम ‘वफ़ा’
फुटकर शेर / मेला राम ‘वफ़ा’ मआले-कार मालूम इश्तियाके हम कलामी का चिराग़े-तूर इक शोला…
Read Moreफुटकर शेर / मेला राम ‘वफ़ा’ मआले-कार मालूम इश्तियाके हम कलामी का चिराग़े-तूर इक शोला…
Read Moreकरम आये अताब आये सवाब आये जवाब आये हमारे इजतिराबे-ग़म का देखें क्या जवाब आये।…
Read Moreये है रंगी बहारों की दुनिया रूह परवर नज़ारों की दुनिया वादियों, कोहसारों की दुनिया…
Read Moreले गई मुझ से सुकूने-क़ल्ब-ओ-जां बेटे की मौत दे गई मुझ को अज़ाबे-जां स्तां बेटे…
Read Moreहोता है दिले-सोज़ ब-जां साज़े-महब्बत उठती है इसी साज़ से आवाज़े-महब्बत मैं रात के सन्नाटे…
Read Moreनाकामिए-जावेद है इनआमे महब्बत नाकामे-महब्बत नहीं नाकामे-महब्बत वाबस्ता-ए-आग़ाज़ थी ये है शामे-महब्बत वो सुब्हे महब्बत…
Read Moreबरसों से हूँ मैं ज़मज़मां परज़ादे-महब्बत आई न जवाबन कभी आवाज़े-महब्बत इक दर्द महब्बत है…
Read Moreऐसे इंक़लाब अक्सर राएगां ही जाते हैं जो निज़ामे-आलम में किस्तवार आते हैं बद उसूल,…
Read Moreहक़ीक़त में बाबे-महब्बत नहीं वो दिल जो खराबे-महब्बत नहीं नहीं हर बशर लज़ज़ते-ग़म का अहल…
Read Moreरही वक़्के-अज़ाब ऐ हमनशीं जाने हज़ी बरसों सहेगा कोई क्या जो सख्तियां हम ने सहीं…
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