अपने ही सजद का है शौक मेरे सर-ए-नियाज़ में
अपने ही सजद का है शौक मेरे सर-ए-नियाज़ में काबा-ए-दिल है महव हूँ नमाज़ में…
Read Moreअपने ही सजद का है शौक मेरे सर-ए-नियाज़ में काबा-ए-दिल है महव हूँ नमाज़ में…
Read Moreदिल से ताअत तेरी नहीं होती हम से अब बंदगी नहीं होती ज़ब्त-ए-ग़म भी मुहाल…
Read Moreआह हम हैं और शिकस्ता-पाइयाँ अब कहाँ वो बादिया-पैमाइयाँ जोश-ए-तूफाँ है न मौंजों का ख़रोश…
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