यही हरिभक्त सब कहते हैं यही सब ग्रन्थ गाते हैं,
यही हरिभक्त सब कहते हैं यही सब ग्रन्थ गाते हैं, कि जाने कौन से गुण…
Read Moreयही हरिभक्त सब कहते हैं यही सब ग्रन्थ गाते हैं, कि जाने कौन से गुण…
Read Moreतोलने बैठा हूँ मैं आज, सम्पत्ति वाला कौन बड़ा है हम तुम में व्रजराज। इस…
Read Moreश्याम सुंदर तुझे कुछ मेरी खबर है कि नहीं। तेरे दिल पर मेरी आहों का…
Read Moreजीवन को मैंने सौंप दिया अब सब भार तुम्हारे हाथों में, उद्धार पतन अब सब…
Read Moreतेरा कौन संघाती हरि बिन! झूठा जगत जमाती हरि बिन!! नारी सब सुख पावत पति…
Read Moreहे मेरे घनश्याम! हृदयाकाश पर आया करो। ग्रीष्म ऋतू कलिकाल की है धूप छाया करो॥…
Read Moreमिला है मुझको किस्मत से खयाले रिन्द मस्ताना। क्या करता हूँ हरदम श्याम का उल्फ़त…
Read Moreकृपा की न होती जो आदत तुम्हारी। तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी। ओ दोनों…
Read Moreअहो! शंकर भोले भगवान। अतुल करुणाकर कृपानिधान॥ हो जिस भाँति बाह्य अंतर में भगवान व्याप्त…
Read Moreवो जाने श्याम की नजरों के मजे कस-कस के। जिन्होंने खूब सहे वार दिल में…
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