वो खुशकिस्मत है जिसका श्यामसुन्दर से लगा दिल हो।
वो खुशकिस्मत है जिसका श्यामसुन्दर से लगा दिल हो। अगर दर्दे जुदाई का मज़ा उस…
Read Moreवो खुशकिस्मत है जिसका श्यामसुन्दर से लगा दिल हो। अगर दर्दे जुदाई का मज़ा उस…
Read Moreश्याम मनहर से मन को लगाया नहीं। तो मज़ा तूने नर तन का पाया नहीं।…
Read Moreहरि बोल मेरी रसना घड़ी-घड़ी। व्यर्थ बीताती है क्यों जीवन मुख मन्दिर में पड़ी-पड़ी॥ नित्य…
Read Moreबसहु मन! मनमोहन के पाँव! पग तल भूमि रेख कुञ्जन बीच कुटीर बना। वान विराग…
Read Moreदो शुभ संगति दीन दयाल। जो मानस मन कर देती है मानस राज मराल॥ यद्यपि…
Read Moreजब दर पे तुम्हारे ही अधमों का ठिकाना है। फिर मेरी किस्मत में ही क्यों…
Read Moreहे नाथ!! पद कमल का मुझको पराग करना। या गूँज मालिका के भीतर का त्याग…
Read Moreन शुभ कर्म धर्मादि धारी हूँ भगवन! तुम्हारी दया का भिखारी हूँ भगवन न विद्या…
Read Moreतोलने बैठा हूँ मैं आज, सम्पत्ति वाला कौन बड़ा है हम तुम में व्रजराज। इस…
Read Moreन यज्ञ साधन न तप क्रियाएँ, न तो दान ही हमने कुछ दिए हैं। परन्तु…
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