जिधर मैं देखता हूँ मुझको नज़र वो घनश्याम आ रहा है।
जिधर मैं देखता हूँ मुझको नज़र वो घनश्याम आ रहा है। जगत कि हर एक…
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Read Moreजिधर मैं देखता हूँ मुझको नज़र वो घनश्याम आ रहा है। जगत कि हर एक…
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Read Moreजिधर मैं देखता हूँ मुझको नज़र वो घनश्याम आ रहा है। जगत कि हर एक…
Read Moreअधमों के नाथ उबारना तुम्हें याद हो कि न याद हो। मद खल जनों का…
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Read Moreजय जगपति, जय जनपति, रघुकुलपति राम। शोभित श्रीसिय समेत, छविधर अभिराम॥ जय कृपाल, प्रणतपाल, दायक…
Read Moreजय जगपति, जय जनपति, रघुकुलपति राम। शोभित श्रीसिय समेत, छविधर अभिराम॥ जय कृपाल, प्रणतपाल, दायक…
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