दिखा देते हो जब रुख साँवले सरकार थोड़ा-सा।
दिखा देते हो जब रुख साँवले सरकार थोड़ा-सा। तो भर लेती हैं आँखें शर्बते दीदार…
Read Moreदिखा देते हो जब रुख साँवले सरकार थोड़ा-सा। तो भर लेती हैं आँखें शर्बते दीदार…
Read Moreदिखा देते हो जब रुख साँवले सरकार थोड़ा-सा। तो भर लेती हैं आँखें शर्बते दीदार…
Read Moreदिखा देते हो जब रुख साँवले सरकार थोड़ा-सा। तो भर लेती हैं आँखें शर्बते दीदार…
Read Moreहमारी बार तुम निकले मनमोहन सनम झूठे। तो सरदारों के सुंदर काम सब कर देंगे…
Read Moreहमारी बार तुम निकले मनमोहन सनम झूठे। तो सरदारों के सुंदर काम सब कर देंगे…
Read Moreहमारी बार तुम निकले मनमोहन सनम झूठे। तो सरदारों के सुंदर काम सब कर देंगे…
Read Moreदास रघुनाथ का नंदसुत का सखा, कुछ इधर भी रहा कुछ उधर भी रहा। सुख…
Read Moreदास रघुनाथ का नंदसुत का सखा, कुछ इधर भी रहा कुछ उधर भी रहा। सुख…
Read Moreदास रघुनाथ का नंदसुत का सखा, कुछ इधर भी रहा कुछ उधर भी रहा। सुख…
Read Moreकरना कुछ तुझको बिहार आँखों से, देखते रहो ब्रज कि भार आँखों से। ये खड़े…
Read More